हमदर्द ग्रुप
आज का मानव घनीभूत जटिलताओं में ऐसा जकड़ा हुआ है कि उसकी जीवन धारा का प्रवाह क्षीण होता जा रहा है । जीवन यापन के लिए संघर्षरत मानव की संवेदनात्मक चेतना को गहरा आघात पहुंचा है।
ऐसी विषम परिस्थितियों में समाज को राष्ट्र को विकार ग्रस्त होने से बचाने के लिए एक अनुकूल मंच की आवश्यकता है । जिसके माध्यम से नए आयामो को प्रतिपादित किया जा सके।
हम सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक ऐतिहासिक, शैक्षणिक परंपराओं को संचित रख सके।
ऐसा तभी संभव हो सकता है जब समाज के समस्त बुद्धिजीवी वर्ग के लोग मिलकर इस पर विचार विनिमय कर इसका समाधान खोज सके। इसी उद्देश्य की पूर्ति को लेकर पवित्र नगरी श्री क्षेत्र मुलताई के युवाओं द्वारा द्वारा हमदर्द ग्रुप की स्थापना दिनांक 26 फरवरी 2020 दिन बुधवार को की गई। जिसका प्रमुख उद्देश्य समाज में बढ़ती हुई समस्याएं और उनका निराकरण करने के लिए, मानव मूल्यों को प्रतिपादित करने के लिए, आमजन की भावना को समझने के लिए और तत्काल प्रभाव से उन तक पहुंचने की गति को निर्धारित कर अपने लक्ष्य तक पहुंचना, हमदर्द ग्रुप का मुख्य उद्देश्य है ।
हमदर्द ग्रुप की स्थापना समाज के युवा साथियों ने मिलकर के इस लक्ष्य के साथ की है कि जैसा ग्रुप का नाम है, "हमदर्द"। अर्थात किसी के दुख दर्द परेशानियों में शामिल रहकर उसके आत्मसम्मान की रक्षा के लिए प्रयास करना । हमदर्द ग्रुप इन्हीं सब बातों के लिए दृढ़ संकल्पित है । समाज की कोई भी बुराई हो जिससे मानव मूल्यों का पतन हो रहा है । उन सारी बुराइयों को सामने लाकर शासन प्रशासन, जनप्रतिनिधि और जनता के सामने रखा जाना मुख्य बिन्दु है ।मायने में उसका आकलन होना चाहिए जिससे, राष्ट्र को समाज को ,आने वाली पीढ़ियों को नवीन सामाजिक मूल्यों को प्रतिपादित करने वाली श्रंखला को नित नए आयाम मिल सके ।
हमारे इस हमदर्द ग्रुप के लिए यह अवधारणा लिखी है हमारे ग्रुप के मार्गदर्शक वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, हिंदी साहित्य के जानकार एवं समाजसेवी श्री राजेश खडसे "सागर" जी ने।
धन्यवाद
आपका स्नेही
"हमदर्द ग्रुप"