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पशुधन बीमा योजना क्या है ? अगर आप भी पशुपालक है तो जरूर पढिए पूरी रिपोर्ट

पशुधन बीमे से नुकसान शून्य मुनाफा 100 फीसदी

पशुपालन बना कृषकों के लिए अतिरिक्त आय का साधन

कृषक अब खेती पर ही निर्भर नहीं हैं, वे पशुपालन के माध्यम से भी अपनी आमदनी में अतिरिक्त वृद्धि कर सकते हैं। राज्य शासन की पशुधन बीमा योजना से दुग्ध उत्पादन, मुर्गी पालन, भेंड-बकरी जैसे अन्य दुधारू पशुओं के साथ अन्य पशुपालन अब आसान हो गया है। पशुधन बीमा योजना से पशुपालकों को अब नुकसान नहीं के बराबर और मुनाफा पूरा मिलता है।

पशुधन बीमा सभी श्रेणी के पशुओं के लिए

मध्यप्रदेश राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के प्रबंध संचालक डॉ. एच.बी.एस. भदौरिया ने बताया कि पशुधन बीमा योजना प्रदेश के सभी जिलों में लागू है। इसमें दुधारू पशुओं के साथ ही सभी श्रेणी के पशुधन का भी बीमा कराया जा सकता है। योजना में एक हितग्राही के अधिकतम 5 पशुओं का बीमा किया जाता है। भेड, बकरी, सूकर आदि 10 पशुओं की संख्या को एक पशु इकाई माना गया हैं। इससे आशय है कि भेड, बकरी एवं शूकर के पालक एक बार में अपने 50 पालतु पशुओं का बीमा करा सकेंगे।
बीमा प्रीमियम पर अनुदान एपीएल श्रेणी के लिए 50 प्रतिशत तथा बीपीएल, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति श्रेणी के पशुपालकों के लिये 70 प्रतिशत एवं शेष राशि हितग्राही देय करेगा। बीमा प्रीमियम की अधिकतम दर एक वर्ष के लिये 3 प्रतिशत तथा तीन वर्ष के लिये 7.50 प्रतिशत देय होगी। प्रदेश में वर्तमान दरें 2.45 प्रतिशत तथा 5.95 प्रतिशत लागू है। पशुपालक अपने पशुओं का बीमा एक वर्ष तथा तीन वर्ष तक के लिये करा सकेंगे।

24 घंटे के भीतर देनी होगी सूचना

बीमित पशु-पालकों को बीमित पशु की मृत्यु की सूचना 24 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को देना होगी। पशुपालन विभाग के चिकित्सक शव का परीक्षण करेंगे एवं उसकी रिपोर्ट में मृत्यु के कारणों का उल्लेख करेंगे। बीमा कंपनी को अधिकारी दावे संबंधी प्रपत्र एक माह के अंदर प्रस्तुत करेंगे। कंपनी 15 दिवस के अंदर दावे का निराकरण करेगी।

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