Type Here to Get Search Results !

Random Posts

4/footer/random

गंजबासौदा कुआं हादसा: जिम्‍मेदार कौन, सरकार या प्रशासन? संवेदनशील शिवराज क्‍यों नहीं कराते कुएं और बावड़ियों का जीर्णोद्धार?

Ganjbasoda well accident: who is responsible, government or administration?
Why doesn't the sensitive Shivraj renovate wells and stepwells?

गंजबासौदा कुआं हादसा: जिम्‍मेदार कौन,  सरकार या प्रशासन?

संवेदनशील शिवराज क्‍यों नहीं कराते कुएं और बावड़ियों का जीर्णोद्धार?

हर साल ऐसे ही होते हैं सैकड़ों हादसे





विजया पाठक, एडिटर, जगत विजन
       मध्यप्रदेश के जनहितैषी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कार्यशैली और संवेदनशीलता से प्रदेश की जनता पूरी तरह से परिचित है। मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता का एक और उदाहरण हाल ही में विदिशा जिले के नजदीक गंजबासौदा में हुए कुएं हादसे में देखने को मिला। लाल पठार क्षेत्र में 15 जुलाई की शाम कुएं में गिरे एक किशोर को बचाने के प्रयास के दौरान कुआं धसने से कई लोग उसकी जद में आकर घायल हो गए। इतना ही नहीं मौके पर पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने 19 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला और 11 लोगों के शव बरामद हुए हैं। 24 घंटे से ज्यादा समय तक चले इस राहत एवं बचाव कार्य की निगरानी मंत्रालय में बैठकर खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की। इतना ही नहीं संबंधित अधिकारियों और प्रभारी मंत्रियों को जरूरी दिशा निर्देश भी दिए। हादसे की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख और घायलों को 50-50 हजार और मुफ्त इलाज कराने की घोषणा की। तात्कालिक राहत देना एक संवेदनशील मुख्यमंत्री की निशानी है। लेकिन अब शिवराज सिंह चौहान को इस बात की ओर ध्यान देना चाहिए कि आगे से ऐसे हादसे दोबारा न हो सके। कहते हैं हर हादसा हमें एक सीख देकर जाता है। मुख्यमंत्री जी को इस हादसे से सीख लेना चाहिए और तत्काल प्रभाव से एक कमेटी बनाकर प्रदेश के सभी जिलों के कुएं और बावड़ी को चिन्हित कर उनका जीर्णोद्धार करवाए जाने की योजना पर काम करना चाहिए। कुएं और बावड़ी ग्रामीण लोगों के पीने के पानी का एक अहम साधन हैं। ऐसे में इनको खत्म नहीं किया जा सकता है, लेकिन यदि मुख्यमंत्री चाहे तो इसका जीर्णोद्धार कर इन कुएं और बावड़ी की आयु और अधिक लंबी कर सकते हैं। इतना ही नहीं गांवों में दोबारा से गंजबसौदा में हुए जैसे हादसों को रोका जा सकेगा। देखा जाए तो अगर मध्यप्रदेश सरकार इस दिशा में काम करती है तो निश्चित तौर पर यह देश में इकलौता राज्य होगा जो कुएं और बावड़ियों के संरक्षण को लेकर बड़े स्तर पर काम कर रहा होगा। मुख्यमंत्री जी को एक बात यह समझना होगा कि जब भी कुएं या बावड़ी में इस तरह के हादसे होते हैं तो राहत कार्य और तात्कालिक मदद के रूप में सरकार हर व्यक्ति पर लाखों रूपए खर्च करती है। लेकिन मुख्यमंत्री यदि चाहे तो हादसे के बाद मुआवजे के रूप में बांटी जाने वाली राशि को समय रहते इनके जीर्णोद्धार में खर्च कर दे तो इस तरह के हादसों से बचा जा सकेगा और प्रदेश में फिर कोई गंजबसौदा के लाल पठार क्षेत्र में हुए हादसे दोहराय नहीं जा सकेंगे। अभी अशोकनगर के सिरसी गांव में 45 वर्षीय रघुवीर अहिरवार की भी कुआं धसकने से मौत हो गई। ऐसे हादसे प्रदेश में होते रहते हैं। सरकार को इन हादसों को रोकने के लिए ठोस पहल करनी होगी। हम जानते हैं कि प्रदेश में पानी के स्‍त्रोत में कुओं एवं बावडि़यों का बहुत महत्‍व है। हर गांव में, हर खेत में कुंओं एवं बावडि़यों का होना आम है। जब लाखों की संख्‍या में कुआं एवं बावडि़यां हैं तो इनके संरक्षण और सुरक्षा प्रदान करने में सरकार का अहम रोल हो जाता है।


      हम जानते हैं कि खेती करने वाले किसानों को अपने खेतों में सिंचाई के लिए उचित मात्रा में पानी उपलब्ध कराने और पानी की इसी कमी को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना में कुएं एवं बावडि़यों का निर्माण करना भी शामिल है। लेकिन जब इनमें भी गंजबासौदा जैसे हादसे होते रहेंगे तो हम कैसे कह सकते हैं कि यह योजना जनहितैषी हैं। लिहाजा सरकार ने इस ओर ठोस कदम उठाने की योजना तैयार करने की जरूरत है। हर पंचायत में 20 से 25 कुआं निर्माण की योजना भी संचालित है। गौरतलब है कि राज्य के ग्रामीण इलाकों में सिंचाई के लिए पानी तो दूर, पीने के पानी की सुविधा भी लगभग 30 फीसदी लोगों को ही है।


कमलनाथ ने लगाया लापरवाही का आरोप-

 पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर इस मामले में लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि गंजबासौदा कांड में गंभीर लापरवाही सामने आई है। शिकायत मिलने पर पुलिस-प्रशासन तुरंत सक्रिय हो जाता तो हादसा टल जाता। जांच में इन पहलुओं को शामिल किया जाए। राज्य सरकार प्रत्येक मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और 15 लाख रुपये मुआवजा दे। घायलों को 2 लाख रुपया मुआवजा दिया जाए।


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad