जल संरक्षण व नदियों को प्रदूषण से मुक्त करने का दायित्व समाज का भी है
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मंगलवार शाम इंदौर रोड स्थित मालगुड़ी डेज गार्डन में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन `सुजलाम महोत्सव` का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण व नदियों व जलाशयों को प्रदूषण से मुक्त करने का दायित्व केवल सरकारों का नहीं, बल्कि यह समाज की भी जिम्मेदारी है।जल संरक्षण का संदेश देने के ध्येय के साथ शुरू हुए सम्मेलन में सीएम ने कहा कि बारिश और सर्दी में तो पानी उपलब्ध रहता है, लेकिन गर्मी की शुरुआत होते ही जल स्तर घट जाता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए मध्य प्रदेश में पुनर्भरण कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसके तहत नदियों पर स्टापडैम बनाने के साथ छोटे-छोटे तालाब बनाए जा रहे हैं। इसके सार्थक परिणाम सामने आए हैं। भूमिगत जल स्तर बढ़ गया। कम पानी में खेती करने की तकनीक भी विकसित की गई।उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में जैविक खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश में 53 हजार किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं, उनमें मैं भी शामिल हूं। यह दायित्व बोध का कार्यक्रम है, इस अभियान में हम सबको मिलकर काम करना होगा। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय कमेटी के सदस्य भैया जी जोशी ने कहा कि हिमालय से निकला जल इस भूमि को सुजलाम, सुफलाम करता हुआ सागर में जाता है। यह हम सबका सौभाग्य है। कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी उपस्थित थे।