महाविद्यालय में मनाई गई सावित्रीबाई फुले की जयंती
शासकीय महाविद्यालय मुलताई में प्राचार्य, स्टॉप और विद्यार्थियों ने मनाई भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले की जयंती। महाविद्यालय प्राचार्य के संरक्षण में राष्ट्रीय सेवा योजना ने आयोजित किया सावित्रीबाई फुले की जन्म जयंती पर कार्यक्रम। राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय परिसर में किया गया। सर्वप्रथम सावित्रीबाई फुले के छाया चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए जिसके पश्चात महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. वर्षा खुराना ने सावित्रीबाई फुले के संघर्षमय जीवन की व्याख्या करते हुए विद्यार्थियों को उनके जीवन से संघर्ष को साधते हुए अपने सही मार्ग पर चलने और उनके विचारों को ग्रहण कर अपने जीवन में आत्मसात करने की बात कही। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय सेवा योजना वरिष्ठ स्वयंसेवक अभिषेक हुरमाड़े और छात्र यश नागले ने सावित्री बाई फुले के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सावित्रीबाई फुले का जीवन संघर्षपूर्ण रहा। शुरुआती जीवन में अल्पायु के दौरान उनका विवाह ज्योतिबा फुले से हो गया इतनी कम उम्र में विवाह होने के दौरान विभिन्न पारिवारिक और सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ा। उन्हें समाज अपितु अपने परिवार तक से बहिष्कृत कर दिया गया इसके पश्चात उन्हें अपना गांव छोड़ना पड़ा, विपरीत परिस्थितियों में भी सावित्रीबाई फुले उस दौर में न सिर्फ खुद पढ़ीं, बल्कि दूसरी लड़कियों के पढ़ने का भी बंदोबस्त किया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय स्टाफ से अर्थशास्त्र विभाग वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. बी.आर. बारस्कर, डॉ. नरेंद्र हनोते, प्रो. तारा बारस्कर, प्रो. नागवंशी, प्रो. दिलीप धाकडे, डॉ. मदन ठाकरे, प्रो. ममता राजपूत, क्रीडा अधिकारी अभिनीत सरसोदे और विद्यार्थी शिवानी हुरमाड़े, साक्षी सोलंकी, मयंक हुरमाड़े, प्रियका घोटे, भूमिका अमरूते, महिमा वानखेड़े, अंजली सिरसामे, श्रृष्टि काले, काजल परिहार, सोनाली डोंगरे, रुपाली पवार, मयंक हुरमाड़े, संध्या पवार, शिवानी देशमुख, महेश्वरी धाकड़, भुवनेश्वरी साहू, लक्ष्मण बेले, सतीश बिहारे, रोहित नागले, मनीष कुंभारे और भारी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।