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मंदिर सरकार के अधीन हो सकते हैं, तो मस्जिद और चर्च क्यों नहीं- देवकीनंदन ठाकुर

 मंदिर सरकार के अधीन हो सकते हैं, तो मस्जिद और चर्च क्यों नहीं- देवकीनंदन ठाकुर


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छिंदवाड़ा के दशहरा मैदान में प्रसिद्ध कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर की कथा चल रही है. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात की और कहा कि मंदिर सरकार के अंदर हो सकते हैं, तो मस्जिद और चर्च क्यों नहीं ? साथ ही कहा कि मैं हिंदू राष्ट्र की मांग का दिल से समर्थन करता हूं. वेब सीरीज पर कहा कि यह पूर्णतः बंद होनी चाहिए.मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में प्रसिद्ध कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर की कथा दशहरा मैदान में चल रही है. उन्होंने आज देश में रामचरितमानस जलाए जाने और मदनी के ॐ, अल्लाह और हिंदू राष्ट्र के मुद्दों पर मीडिया से बात की. इस दौरान देवकीनंदन ने कहा कि रामचरितमानस को उस भारत में जलाया गया, जहां राम का जन्म हुआ है. 


यह दुर्भाग्य की बात है. इंडोनेशिया और मुस्लिम देश में बच्चे होने पर रामायण का पाठ किया जाता है. वहीं, जिस देश में राम हुए उस देश में रामचरितमानस जलाई गई और किसी के कान में जू तक नहीं रेंगी. इससे ज्यादा सनातन क्या सहेगा. भारत में राम तो 1,400 साल पहले से हैं, जब अल्लाह को भी कोई नहीं जानता थादेवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि जब मंदिर सरकार के अंडर में हो सकते हैं, तो मस्जिद और चर्च क्यों नहीं हो सकते हैं. सिर्फ हिंदुओं को दबाने की हिम्मत है. सरकार को मंदिर के पैसों का उपयोग केवल विद्या अध्ययन में ही करना चाहिए. मंदिर के पैसों से हर जिले में पांच स्कूल खोले जाने चाहिए. वहां शिक्षक के बदले धर्माचार्यों का संरक्षण हो. . 

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